RBI Bank Account Update: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि (मिनिमम बैलेंस) को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस नए नियम के अनुसार, अब खाता धारकों को शून्य बैलेंस पर भी कोई दंड नहीं देना होगा। यह नियम ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शून्य बैलेंस खाते पर RBI का रुख
RBI के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार:
- बैंक खाते का बैलेंस शून्य हो सकता है, लेकिन ऋणात्मक (नेगेटिव) नहीं।
- बैंक शून्य बैलेंस पर कोई दंड या शुल्क नहीं लगा सकते।
- खाता बंद करने पर, बैंक किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं ले सकते।
ग्राहकों के लिए फायदे
- अनावश्यक शुल्क से मुक्ति
- कम उपयोग वाले खातों को बनाए रखने में आसानी
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा
बैंकों द्वारा गलत प्रथाओं पर कार्रवाई
अगर कोई बैंक इन नियमों का उल्लंघन करता है और ग्राहकों से अनुचित शुल्क वसूलता है, तो ग्राहक निम्न तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
- RBI की आधिकारिक वेबसाइट (bankingombudsman.rbi.org.in) पर ऑनलाइन शिकायत।
- RBI की हेल्पलाइन पर फोन करके।
RBI ऐसी शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई कर सकता है और संबंधित बैंक पर जुर्माना लगा सकता है।
डिजिटल बैंकिंग का प्रभाव
आजकल अधिकांश बैंकिंग कार्य मोबाइल फोन या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किए जाते हैं। UPI और नेट बैंकिंग की लोकप्रियता बढ़ने से कई लोगों के पास एक से अधिक बैंक खाते हैं। ऐसे में, कुछ खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। RBI के नए नियम इस समस्या का समाधान प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
RBI के ये नए दिशा-निर्देश बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। यह नियम न केवल ग्राहकों को अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाता है, बल्कि बैंकिंग प्रणाली में लोगों का विश्वास भी बढ़ाता है। ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी अनुचित प्रथा की शिकायत तुरंत दर्ज करनी चाहिए।