Latest Rates for 22 and 24 Karat Gold: भारत में कीमती धातुओं के बाजार में हाल ही में दिलचस्प उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं, जिसमें चांदी की कीमतों में गिरावट आई है जबकि सोने की कीमतों में तेजी का रुख देखने को मिला है। यह बदलाव त्यौहारी सीजन के दौरान देखने को मिलता है, खास तौर पर रक्षा बंधन के आसपास, जिस दौरान पारंपरिक रूप से कीमती धातुओं की मांग में बढ़ोतरी देखी जाती है। आइए मौजूदा बाजार परिदृश्य पर नज़र डालें और सोने और चांदी की विभिन्न शुद्धताओं की दरों की जांच करें।
बाज़ार अवलोकन: त्यौहारी मांग और मूल्य में उतार-चढ़ाव
इंडियन बुलियन एसोसिएशन के अनुसार, त्योहारी सीजन के चलते आभूषण बाजार में खरीदारी बढ़ी है। इस बढ़ी मांग के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सोने में 200 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आई है, जबकि चांदी में 180 रुपये की गिरावट आई है। 999 शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने की कीमत इस समय 70,604 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि चांदी 81,510 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर है।
विभिन्न कैरेट में सोने की दरें
बाजार में अलग-अलग ज़रूरतों और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग शुद्धता में सोना उपलब्ध है। यहाँ वर्तमान दरों का विवरण दिया गया है:
- 24 कैरेट सोना (999 शुद्धता): 70,604 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 23 कैरेट सोना (995 शुद्धता): 70,321 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना (916 शुद्धता): 64,673 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 18 कैरेट सोना (750 शुद्धता): 52,953 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 14 कैरेट सोना: 41,303 रुपये प्रति 10 ग्राम
यह ध्यान देने योग्य है कि 22 कैरेट सोना, जिसका उपयोग आमतौर पर आभूषण बनाने में किया जाता है, आभूषण बाजारों में उच्च मांग में रहता है।
चांदी बाजार: मामूली गिरावट
कुल मिलाकर त्योहारी मांग के बावजूद चांदी की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई है। 999 शुद्धता वाली चांदी का मौजूदा भाव 81,510 रुपये प्रति किलोग्राम है। हालांकि, बाजार विश्लेषकों का कहना है कि त्योहारी सीजन के चलते चांदी की मांग मजबूत बनी हुई है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि यहाँ बताई गई दरें सोने और चांदी की खुदरा कीमतें हैं। इन आँकड़ों में जीएसटी या सरकार द्वारा लगाए गए कोई अन्य कर शामिल नहीं हैं। सभी लागू करों और शुल्कों सहित व्यापक मूल्य निर्धारण के लिए, उपभोक्ताओं को अपने स्थानीय जौहरियों से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
त्यौहारी सीजन जारी रहने के कारण, सोने और चांदी की कीमतों में ये उतार-चढ़ाव पूरे भारत में खरीदारी के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। खरीदारों और निवेशकों को इन रुझानों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए, खासकर तब जब वैश्विक आर्थिक कारक और स्थानीय मांग कीमती धातुओं के बाजार को आकार दे रही है।