Gold Price Today: भारत में रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है, ऐसे में सोने के बाजार में कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई है। कीमती धातु के मूल्य में यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब कई भारतीय पारंपरिक रूप से अपने प्रियजनों के लिए उपहार के रूप में सोना खरीदते हैं। आइए प्रमुख शहरों में मौजूदा दरों पर नज़र डालें और इन परिवर्तनों को प्रभावित करने वाले कारकों की जाँच करें।
राष्ट्रीय अवलोकन: सोने और चांदी की दरें
19 अगस्त, 2024 को भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹72,760 प्रति 10 ग्राम पर आ गई है, जो पिछले दिन के ₹73,000 के भाव से मामूली गिरावट है। अधिक मात्रा में सोने में रुचि रखने वालों के लिए, 100 ग्राम सोने की कीमत ₹7,27,600 है। 22 कैरेट वाला सोना ₹66,690 प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है, जो 18 अगस्त के ₹66,700 से थोड़ा कम है। चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखा गया है, जिसकी कीमतें ₹86,000 प्रति किलोग्राम के आसपास हैं।
महानगरीय सोने की दरें: एक तुलनात्मक अध्ययन
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 22 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹66,840 प्रति 10 ग्राम है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत ₹72,921 है। मुंबई और बेंगलुरु में भी यही दरें हैं, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹66,690 और 24 कैरेट सोने की कीमत ₹72,760 प्रति 10 ग्राम है। चेन्नई में भी ये कीमतें हैं, जो प्रमुख दक्षिणी और पश्चिमी शहरों में एक समान रुझान को दर्शाती हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अहमदाबाद में कीमतों में मामूली अंतर देखने को मिलता है, जहां 22 कैरेट सोने की कीमत ₹66,740 और 24 कैरेट सोने की कीमत ₹72,821 प्रति 10 ग्राम है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हिस्से नोएडा में 18 कैरेट सोना ₹54,690 पर उपलब्ध है, जबकि 22 कैरेट और 24 कैरेट सोना क्रमशः ₹66,840 और ₹72,910 प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है।
चांदी बाजार: क्षेत्रीय विविधताएं
चांदी के बाजार में क्षेत्रीय अंतर अधिक स्पष्ट हैं। चेन्नई में सबसे अधिक ₹90,900 प्रति किलोग्राम की दर है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। इसके विपरीत, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में ₹85,900 प्रति किलोग्राम की एक समान दर है। बेंगलुरु में ₹82,900 प्रति किलोग्राम की सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमत है, जो इसे चांदी के निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए एक आकर्षक बाजार बनाती है।
त्योहारी सीजन जारी रहने के कारण, सोने और चांदी की कीमतों में ये उतार-चढ़ाव पूरे भारत में खरीदारी के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। उपभोक्ताओं और निवेशकों को इन रुझानों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए, खासकर तब जब वैश्विक आर्थिक कारक कीमती धातु बाजारों को प्रभावित करना जारी रखते हैं।