Gold Price Today: 28 जुलाई, 2024 तक भारत में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, देश भर में 24 कैरेट सोने की खुदरा बिक्री लगभग 69,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है। कीमतों में इस उछाल ने निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों का ध्यान आकर्षित किया है, जिससे कीमती धातु के मूल्य को प्रभावित करने वाले कारकों पर करीब से नज़र डालने की ज़रूरत पड़ रही है।
दिल्ली में सोने की कीमतें सबसे अधिक
देश की राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 69,150 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 63,400 रुपये है। यह दिल्ली को अन्य प्रमुख शहरों की तुलना में कीमतों के मामले में सबसे ऊंचे स्थान पर रखता है। मुंबई और कोलकाता दोनों महानगरों में 24 कैरेट सोने की कीमत 69,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
दक्षिणी शहरों में अलग-अलग दरें देखें
चेन्नई सोने की सबसे ऊंची कीमतों वाला शहर बन गया है, जहां 24 कैरेट सोने की कीमत 70,530 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इसके विपरीत, बेंगलुरु और हैदराबाद में कीमतें थोड़ी कम हैं, जो मुंबई और कोलकाता के बराबर हैं, जहां 24 कैरेट सोने की कीमत 69,000 रुपये है।
बाज़ार प्रभाव और ट्रेडिंग पैटर्न
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) सोने की कीमतें तय करने में अहम भूमिका निभाता है, हालांकि यह सप्ताहांत पर बंद रहता है। 26 जुलाई को MCX पर अगस्त डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट में 328 रुपये या 0.49% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 67,790 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस तेजी का श्रेय मजबूत हाजिर मांग और सट्टेबाजों की ताजा खरीदारी को जाता है।
वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोने की कीमतें 0.70% बढ़कर 2,416.70 डॉलर प्रति औंस हो गईं, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के रुझान को दर्शाता है। घरेलू मांग के साथ-साथ ये वैश्विक कारक भारत में सोने की कीमतों को प्रभावित करते रहते हैं।
चांदी की कीमतें और स्थानीय बाजार के रुझान
सोने की कीमतों में तेजी के साथ ही चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। मौजूदा समय में चांदी की कीमत 84,500 रुपये प्रति किलोग्राम है। इंदौर जैसे स्थानीय बाजारों में 27 जुलाई को सोने और चांदी दोनों की कीमतों में मजबूती आई। सोने में 400 रुपये और चांदी में 500 रुपये की तेजी आई।
चूंकि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है, इसलिए उपभोक्ताओं और निवेशकों को स्थानीय और वैश्विक बाजार के रुझानों पर कड़ी नज़र रखने की सलाह दी जाती है। कीमती धातु का मूल्य विभिन्न आर्थिक कारकों के अधीन रहता है, जिससे यह मौजूदा वित्तीय परिदृश्य में एक जटिल लेकिन दिलचस्प परिसंपत्ति बन जाती है।