Ladla Bhau Yojana: युवा बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक साहसिक कदम उठाते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने युवा स्नातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए “लाडला भाई” (प्यारा भाई) योजना का अनावरण किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा घोषित इस पहल का उद्देश्य 12वीं कक्षा और उससे आगे की शिक्षा पूरी करने वाले छात्रों को मासिक वजीफा प्रदान करना है।
युवाओं के लिए अवसर बढ़ाने के लिए मासिक वजीफा
लाडला भाई योजना के तहत, सरकार ने एक स्तरीय वित्तीय सहायता प्रणाली की रूपरेखा तैयार की है:
– 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को प्रति माह ₹6,000 मिलेंगे
– डिप्लोमा छात्रों को प्रति माह ₹8,000 दिए जाएंगे
– स्नातकों को हर महीने ₹10,000 मिलेंगे
यह वित्तीय सहायता कारखानों और अन्य कार्यस्थलों में युवाओं की प्रशिक्षुता के दौरान उनकी सहायता करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे उन्हें उनके वित्तीय बोझ को कम करते हुए मूल्यवान कार्य अनुभव प्रदान किया जा सके।
राजनीतिक निहितार्थ और विपक्ष की प्रतिक्रिया
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले इस घोषणा का समय किसी का ध्यान नहीं गया है। राजनीतिक विश्लेषक इस कदम को शिंदे सरकार द्वारा विभिन्न मतदाता जनसांख्यिकी, विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित करने के प्रयास के रूप में देखते हैं।
विपक्ष पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में बढ़ती बेरोजगारी के बारे में मुखर रहा है। यह योजना उनकी आलोचनाओं का सीधा जवाब प्रतीत होती है, जिसमें सीएम शिंदे ने कहा, “इस योजना के माध्यम से, हमने बेरोजगारी का समाधान खोज लिया है।” इस मुद्दे पर सरकार का सक्रिय रुख चुनावों से पहले विपक्ष की कहानियों का मुकाबला करने में मदद कर सकता है।
मौजूदा कल्याण योजनाओं का विस्तार
लाडला भाई योजना “लाडली” योजना के नक्शेकदम पर चलती है, जिसका उद्देश्य लड़कियों और युवतियों का समर्थन करना था। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहले लड़कों के लिए इसी तरह के कार्यक्रम की मांग की थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि पुरुष और महिला युवाओं के समर्थन में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
सीएम शिंदे ने इस पहल की ऐतिहासिक प्रकृति पर जोर देते हुए कहा, “यह इतिहास में पहली बार है कि किसी सरकार ने ऐसी योजना शुरू की है।” कारखानों में प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ सरकारी वजीफे के साथ, लाडला भाई योजना महाराष्ट्र के युवाओं और भविष्य के कार्यबल में एक महत्वपूर्ण निवेश का प्रतिनिधित्व करती है।
जैसे-जैसे यह योजना लागू होगी, युवा रोजगार पर इसका प्रभाव और आगामी चुनावों पर इसका प्रभाव समर्थकों और आलोचकों दोनों द्वारा बारीकी से देखा जाएगा।