LPG Gas Cylinder: नरेंद्र मोदी सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए खुशखबरी लेकर आई है, जिसे उज्ज्वला योजना के नाम से भी जाना जाता है। भाजपा के पहले कार्यकाल के दौरान शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन उपलब्ध कराना है।
सब्सिडी का विवरण और अवधि
एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सरकार ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए प्रति LPG सिलेंडर ₹300 की सब्सिडी को मंजूरी दी है। यह सब्सिडी अगले आठ महीनों के लिए उपलब्ध होगी, जो 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाई जाएगी। लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए इस निर्णय से यह सुनिश्चित होता है कि पात्र परिवार सस्ती रसोई गैस का उपयोग जारी रख सकें।
मुख्य बिंदु:
- उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को बाजार मूल्य से ₹300 कम पर एलपीजी सिलेंडर मिलेगा
- यह सब्सिडी 8 महीने के लिए, 31 मार्च, 2025 तक उपलब्ध रहेगी
- इस कदम का उद्देश्य कम आय वाले परिवारों पर वित्तीय बोझ कम करना है
मौजूदा एलपीजी सिलेंडर की कीमतें और बचत
अभी तक, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत ₹803 है। उज्ज्वला योजना के तहत ₹300 की सब्सिडी के साथ, लाभार्थी वही सिलेंडर सिर्फ़ ₹503 में खरीद सकते हैं। यह योजना के तहत आने वाले परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण बचत दर्शाता है।
मूल्य विभाजन:
- नियमित मूल्य: ₹803 प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर
- उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए मूल्य: ₹503 प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर
- कुल सब्सिडी: ₹300 प्रति सिलेंडर
उज्ज्वला योजना का प्रभाव और पहुंच
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मोदी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक रही है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के जीवन को बेहतर बनाना है। यह योजना बीपीएल परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करती है, साथ ही चूल्हा खरीदने और पहली बार रिफिल करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है।
योजना के लाभ:
- पात्र परिवारों को निःशुल्क एलपीजी गैस कनेक्शन
- चूल्हा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता
- एलपीजी रिफिल पर सब्सिडी
- घर के अंदर वायु प्रदूषण को कम करके स्वास्थ्य परिणामों में सुधार
- खाना पकाने के ईंधन को इकट्ठा करने में लगने वाले समय को कम करके महिलाओं का सशक्तिकरण
₹300 सब्सिडी का यह विस्तार लाखों भारतीय परिवारों के लिए स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को सुलभ और किफ़ायती बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह न केवल आर्थिक राहत प्रदान करता है, बल्कि पारंपरिक बायोमास चूल्हों के बजाय स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देकर बेहतर स्वास्थ्य परिणामों में भी योगदान देता है।
जैसे-जैसे यह योजना विकसित और विस्तारित होती जा रही है, यह भारत की सबसे कमज़ोर आबादी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है।