अब मोबाइल से कनेक्ट होगा बिजली मीटर, घर-घर रीडिंग का झंझट होगा खत्म Electricity Smart Meters

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Electricity Smart Meters: मध्य प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर स्मार्ट मीटर परियोजना के कार्यान्वयन के साथ राज्य के बिजली के बुनियादी ढांचे को बदलने के लिए तैयार है। इस पहल का उद्देश्य बिजली वितरण को आधुनिक बनाना, दक्षता में सुधार करना और पूरे राज्य में उपभोक्ताओं को कई लाभ प्रदान करना है।

परियोजना का दायरा और कार्यान्वयन

स्मार्ट मीटर परियोजना के पहले चरण में बिजली उपभोक्ताओं के लिए 977,048 स्मार्ट मीटर, 9,477 बिजली सबस्टेशन और फीडर तथा 155,515 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। शुरुआती फोकस भोपाल, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, गुना और शिवपुरी जैसे प्रमुख शहरों और जिलों पर रहेगा।

परियोजना की शुरुआत भोपाल शहर से होगी, जहां 208,128 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। कार्यान्वयन एजेंसी एएमआईपीएस को 13 अक्टूबर, 2024 तक कम से कम 57,102 स्मार्ट मीटर लगाने का काम सौंपा गया है, इसके बाद हर महीने 54,247 मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य 13 जून, 2026 तक 1,142,040 स्मार्ट मीटर चालू करना है।

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उपभोक्ताओं के लिए लाभ

स्मार्ट मीटर पहल से बिजली उपभोक्ताओं को कई लाभ मिलेंगे:

  1. वित्तीय प्रोत्साहन: उपयोगकर्ता घरेलू और वाणिज्यिक बिलों पर 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट के साथ-साथ ऊर्जा संबंधी शुल्क में भी कमी का लाभ उठा सकते हैं।
  2. वास्तविक समय निगरानी: उपभोक्ता मोबाइल ऐप के माध्यम से हर 15 मिनट में अपनी बिजली की खपत और लोड पर नज़र रख सकते हैं, जिससे अधिक कुशल उपयोग और संभावित बिल में कमी संभव हो सकेगी।
  3. लचीला भुगतान: यह प्रणाली बिल भुगतान पर 0-5% की छूट (न्यूनतम ₹5) प्रदान करती है तथा कनेक्शन काटे बिना रिचार्ज करने के लिए 3 दिन की छूट अवधि प्रदान करती है।
  4. बेहतर सेवा: स्वचालित मीटर रीडिंग से मानवीय त्रुटि और बिल सुधार के लिए बिजली कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की समस्या समाप्त हो जाती है।
  5. त्वरित दोष पहचान: यह प्रणाली विभिन्न स्तरों पर विद्युत व्यवधानों की स्वचालित रूप से पहचान कर सकती है, जिससे विद्युत आपूर्ति की शीघ्र बहाली सुनिश्चित होती है।

भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचा

स्मार्ट मीटर परियोजना ऊर्जा प्रबंधन में भविष्य की प्रगति के लिए आधार भी तैयार करती है:

  1. सौर एकीकरण: स्मार्ट मीटर छत पर लगाए जाने वाले सौर कनेक्शनों के साथ संगत हैं, जिससे भविष्य में अतिरिक्त उपकरणों की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
  2. व्यापक स्वीकृति: मध्य प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में 10 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहर भी शामिल हैं।

स्मार्ट मीटरों का यह बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन मध्य प्रदेश के बिजली ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपभोक्ताओं को उनके बिजली उपयोग पर अधिक नियंत्रण प्रदान करके और वितरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के निवासियों के लिए अधिक कुशल और टिकाऊ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।

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