7th Pay Commission: अपने 18 महीने के महंगाई भत्ते (डीए) के बकाए का बेसब्री से इंतजार कर रहे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। सरकार ने हाल ही में इस लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, जिससे पूरे भारत में लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगी प्रभावित हैं।
18 महीने के डीए बकाया को समझना
कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक DA वृद्धि को रोक दिया था। आमतौर पर, केंद्र सरकार साल में दो बार जनवरी और जुलाई में DA में संशोधन करती है। हालांकि, इस 18 महीने की रोक के कारण इस अवधि के दौरान DA में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। 1 जुलाई, 2021 को सरकार ने 11% की पर्याप्त वृद्धि लागू की, जिससे DA 17% से बढ़कर 28% हो गया। तब से, केंद्रीय कर्मचारी इस रोकी गई अवधि के लिए बकाया भुगतान की उम्मीद कर रहे हैं।
बकाया राशि पर सरकार का हालिया बयान
हाल ही में संसद सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 18 महीने के डीए एरियर से जुड़े सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इन एरियर के भुगतान के संबंध में कई आवेदन और प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें वितरित करने की कोई योजना नहीं है। इस घोषणा ने कई लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है जो इस वित्तीय राहत की उम्मीद कर रहे थे।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर प्रभाव
इस निर्णय से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की एक बड़ी संख्या प्रभावित होगी, जो बढ़ी हुई जीवन लागतों की भरपाई के लिए इन बकाया राशियों पर निर्भर थे। कई लोगों को उम्मीद थी कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था महामारी के प्रभाव से उबरेगी, सरकार इन बकाया राशियों पर अपने रुख पर पुनर्विचार करेगी। हालाँकि, हालिया बयान से पता चलता है कि इस तरह के पुनर्विचार की संभावना नहीं है।
निर्णय को प्रभावित करने वाले कारक
यद्यपि सरकार ने इस निर्णय के पीछे स्पष्ट रूप से कारण नहीं बताए हैं, फिर भी इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं:
- महामारी से संबंधित व्यय के मद्देनजर बजटीय बाधाएं
- अर्थव्यवस्था में बड़ी राशि डालने पर मुद्रास्फीति की चिंता
- अन्य आर्थिक सुधार उपायों को प्राथमिकता देना
आगे का रास्ता
जैसा कि अभी है, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस निर्णय के आलोक में अपनी वित्तीय योजनाओं को समायोजित करने की आवश्यकता होगी। जबकि डीए को समय-समय पर संशोधित किया जाता है, निकट भविष्य में 18 महीने का बकाया मिलने की संभावना कम ही दिखती है। कर्मचारी यूनियनें और एसोसिएशन इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाना जारी रख सकते हैं, लेकिन फिलहाल, इन बकाया राशि के भुगतान के खिलाफ आधिकारिक रुख सख्त बना हुआ है।